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Bidh-Bidhata / बिध-बिधाता

    Documented by Coralynn V. Davis and Carlos Gomez
    Transcription and Translation by Pranav Prakash

    Teller: Manjula Devi Jha
    Location: Madhubani
    Date: 9/11/16

    September 11, 2016: Session 3
    Maithili Folklore Story 16_09_11_3

    View the transcription in Maithili.

    Side-by-side Maithili and English

    एकटा राजा रहै । 

    There was a king. 

    उ राजा शिकार खेलाय लॅ जाएत रहै । 

    He was on his way to go hunting. 

    हँ, शिकार खेलाय लॅ जाएत रहै, तऽ रास्ता में बीध-बिधाता । 

    So, he was going out to hunt for sport, and the bīdh-bidhātā were in his way. 

    जे आदमी के जनम दै छथिन, तकदीर लिखै छथिन, बीध-बिधाता । हँ । 

    The bīdh-bidhātā are the ones who give birth to humans and who inscribe human fate. Okay!

    एकठो झाड़ी में, जंगल में, बैस कॅ, दुनु के दुनु मिला कॅ बाँधैत रहथिन । गिट्ठह । 

    They were in a thicket, in a forest. They were matching and tying two ends. They were making knots. 

    त उ राज एले…राजकुमार एले घोड़ा पे, त कहल्के, “आहाँ के छी ?” 

    Then that king came…the prince came riding a horse, and he said, “Who are you?”

    “अ तऽ हम बीध-बिधाता छी ।”

    “So, we are the bīdh-bidhātā.” 

    “आहाँ की करैछी ?”

    “What are you doing?” 

    “अ तऽ केकड़ा से केकड़ा बीयाह हेतै, से हम जोड़ी बाँधै छीयै ।”

    “So, we are deciding who will marry whom, and we are tying them into pairs.” 

    त ऊ राजा कहल्के कि, “अच्छा, कहू त, हमरा…[सूखा जेते]…हमरा ककरा सॅ बीयाह हैत ? हमरा ककरा सॅ बीयाह हैत ? से कहू तऽ, आहाँ जानैछीयै तऽ ।”

    Then the king said, “I see, tell me then, who…[that will dry up]…who will marry me? With whom will my marriage take place? Since you claim to know these things, answer me.” 

    [हम तऽ जोर सॅ कहैछी, चलाबियौ न पँखा, उ त कनियै जोर से कहेछै । हँ । हँ ।] 

    [I am speaking loudly, please turn on the fan, she was speaking less loudly. Okay! Fine!]  

    तऽ कहल्के, “अच्छा कहू तऽ…” 

    Then he asked, “So, answer me…”

    [आ कहू न, कहू न !]

    Then he asked, “So, answer me…”

    [आ कहू न, कहू न !]

    [You keep talking, you speak!]

    हँ, हमरा ककरा सॅ बीयाह हैत ? 

    So, whom will I marry?

    त ओइठमाँ, थोड़े हैंट कॅ, से गाछ…अथि मेँ…गाछी में एकटा मुशहरनी पात चुनैत रहै । झाड़ैंन पात सब…सबटा बीछैत रहै । 

    Nearby, slightly removed from them, in a grove…that is…in a grove, a mushharnī woman was collecting dry leaves. She was gathering twigs and leaves…she was collecting them.

    त कहल्के, “हऊआ देखैछीयै उ मुशहरनी जे छै, पत्ता बीछैय, ओकरे सॅ आहाँ के बीयाह हैत ।” राजकुमार के कहल्के ।

    Then they said, “There, you see, that mushharnī woman who is there, who is collecting leaves, you will marry her.” They spoke to the prince. 

    राजकुमार कहल्के, “जाउ, तखने हम बुझलों हँ आहाँ केहन बीध-बिधाता । हम राज-कुमार, आ हमरा ओ मुशहरनी पत्ता बीछै वाली सॅ बीयाह हैत ।”

    The prince replied, “Go away, now I can clearly see what kind of bīdh-bidhātā you all are! I am afterall a prince. How could a prince marry a twig-picking mushharnī woman? 

    फेर जहन ओइठँ स राजकुमार निकलल, तऽ कहल्के, “कोन ठीक, भइये जाएत, से ने ए मुशहरनिये के हम माएर देबै ।” 

    As soon as the prince left that place, he wondered, “Who knows whether it may actually happen! So that this doesn’t happen, let me just kill that mushharnī woman.” 

    उ जे गाछी में पात बीछै छलै मुशहरनी के लड़की, ओकरा तीर चला कॅ माएर देलकै । 

    She who was collecting leaves in the grove, was the daughter of a mushharnī. He shot an arrow at her and hit her. 

    ओ तीर लग्ले माएर कॅ ओकरा नदी में दहा देल्कै । 

    With an arrow stuck in her, he killed her and drowned her in the river. 

    उ तीर एइ में लागल, दहैत-दहैत उ मुशहरनी दोसर देश चैल गेलै ।

    That arrow was stuck here. She kept floating in the river and that mushharnī woman entered another country. 

    ओइठमाँ एकटा राजा रहै, तेकरा बाल-बच्चा ने रहै । 

    There was a king in that country. He did not have any children. 

    सब कहल्के, “एकटा लड़की दहा कॅ एले, लड्की दहा कॅ एले, तीर लागल छै गला में ।”  

    Everyone said, “A girl has come floating here, a girl has came floating here, and an arrow is stuck in her throat.” 

    उ राजा कहल्के जे, “छान कॅ नेने आ ।” लॅ गेले । 

    That king said, “Pull her out, and bring her to me.” They brought her to him. 

    त राजा कहल्के, “हमरा बाल-बच्चा ने ऐच्छ, संतान, हम एकरा पोसब, राखब ।” 

    Then the king said, “I do not have any children, I will nourish her, I will keep her.” 

    उ तीर निकाल कॅ अपन इलाज-फिलाज कॅ क उ नीक भेलै । 

    After the arrow was removed from her body, she received medical cure and treatment, and she recovered. 

    नीक जहन राजा कॅ घर में रहले, तहन त उ राजकुमारी बेन गेलै । 

    She started living well in the house of the king, and thereafter she became a princess. 

    राजकुमारी, राजा अपन-अपन पोसाक-तोसाक, राजकुमारी, अपन बेटी बना कॅ रखल्के । 

    The princess was there…the king gave her nice dresses and garments; he took care of her like she were his own daughter. 

    जहन ओकरा बीयाह के समय भेलै, तहन त उ राजै के खोजतै । 

    When it was time to arrange her marriage, then he began looking for a royal groom. 

    राजकुमार के बेटी, राजा के बेटी, त रजकुमारै से बीयाह हेतै । 

    She was the daughter of a prince…since she was the daughter of a king, she was to be married to a prince. 

    त उ राजा निक्लल बेटी लॅ बर तकैलॅ । 

    Then the king went out in search of a groom. 

    राजा ओइठमाँ जाए । 

    He visited other kings. 

    जाएत-जाएत उही राजा ओइठमँ गेल । 

    While searching for a groom, he arrived at the same king’s home. 

    हँ, त उ त बुझल्के राजकुमार के, “राजकुमार एला, अपना बेटी से बीयाह करैलॅ ।” 

    So, then, that prince thought, “The prince is here to arrange for his daughter’s wedding.” 

    तो ओकरा से बीयाह ठीक भेलै । 

    Then his marriage with the king’s daughter was arranged. 

    जहन बीयाह-तीयाह भौ गेलै, तखन जखन बर-कनिया के भैंट भेलै, त ओकर…राजकुमार कहल्के, “इह, कहेछै जे बीध-बिधाता जे लिख देएछे, उ नै मीटैछै । मीटै नै छै ?”

    When the marriage and other ceremonies were over, and when both groom and bride were united together, then he…the prince said, “They say, whatever the bīdh-bidhātā inscribe in one’s fate, it cannot be erased. How come it can’t erased? 

    उ…उ कहल्के, कनिया ओकर जे, “किया, की मीटैछै ?” 

    She…she said, his wife said, “Why do you say this, what gets erased?” 

    “एँह, हमरा बीध-बिधाता कहनै रहै जे तोरा मुशहरनी से बीयाह हेतो, अ हेय्या देखियो, राजकुमारी सॅ बीयाह भेल ।”

    “The bīdh-bidhātā had told me that I will marry a mushharnī, and, now you see, I have married a princess.” 

    त उ कहल्के, “त उ मुशहरनी के की भैल ?”

    Then she asked, “What happened to that mushharnī?”

    “एँह, उ मुशहरनी के त हम तीर माएर कॅ, नदी में बहा देल्यै ।” 

    “I shot an arrow at that mushharnī, and I drowned her in a river.” 

    कहल्के, “बीध-बिधाता जे लीख दै छथिन, हुन्कर लिखल नै मीटल जाएछै । ओ ठीकै लीखै छथिन । हैय्य, देख्यो ।” निसान रहै ।

    She replied, “Whatever is inscribed by the bīdh-bidhātā, it cannot be erased. They do write correctly. Here, look at this.” There was an arrow mark. 

    “वैह मुशहरनी हम छी । आहाँ के बीध-बिधाता कहलॅक जे मुशहरनी से बीयाह हैत, वैह मुशहरनी छी, इ राजकुमारी छानलक, बेटी बना कॅ रखलक, त आय हमरा राजकुमारी भौ गेलों । 

    “I am the same mushharnī. You were told by the bīdh-bidhātā that you will be married to a mushharnī, I am the same mushharnī. He pulled me out from the river, he kept me like his daughter, that is why I am a princess today.

    आहाँ बीयाह केलौं । तै दुआरे बीध-बिधाता जे ली दै छथिन, उ नै मिटैछै, चाहे कत्तौ आहाँ जाऊ, किछु करू ।”

    And you have married me. That’s why whatever is inscribed by the bīdh-bidhātā, howsoever hard you may try and wherever you may flee, it cannot be erased.” 

    [चाय नै पीबै हम, नै पीबै, हम तुरत्तै पी कऽ, मनै हमरा तऽ, हमरा तऽ चाय मना कॅ देलक । त काएटा भेलो ? चाएटा भेलो । चाएटा भेलो ।] 

    [No, I will not drink tea, I won’t, I just had a cup of tea. Besides, they have prohibited me, they have asked me to refrain from tea. So, how many stories have you got so far? You’ve got four. You’ve got four.]

    Maithili Transcript

    एकटा राजा रहै । उ राजा शिकार खेलाय लॅ जाएत रहै । हँ, शिकार खेलाय लॅ जाएत रहै, तऽ रास्ता में बीध-बिधाता । जे आदमी के जनम दै छथिन, तकदीर लिखै छथिन, बीध-बिधाता । हँ । एकठो झाड़ी में, जंगल में, बैस कॅ, दुनु के दुनु मिला कॅ बाँधैत रहथिन । गिट्ठह । 

    त उ राज एले…राजकुमार एले घोड़ा पे, त कहल्के, “आहाँ के छी ?” 

    “अ तऽ हम बीध-बिधाता छी ।”

    “आहाँ की करैछी ?”

    “अ तऽ केकड़ा से केकड़ा बीयाह हेतै, से हम जोड़ी बाँधै छीयै ।”

    त ऊ राजा कहल्के कि, “अच्छा, कहू त, हमरा…[सूखा जेते]…हमरा ककरा सॅ बीयाह हैत ? हमरा ककरा सॅ बीयाह हैत ? से कहू तऽ, आहाँ जानैछीयै तऽ ।”

    [हम तऽ जोर सॅ कहैछी, चलाबियौ न पँखा, उ त कनियै जोर से कहेछै । हँ । हँ ।] 

    तऽ कहल्के, “अच्छा कहू तऽ…” 

    [आ कहू न, कहू न !]

    “हँ, हमरा ककरा सॅ बीयाह हैत ?” 

    त ओइठमाँ, थोड़े हैंट कॅ, से गाछ…अथि मेँ…गाछी में एकटा मुशहरनी पात चुनैत रहै । झाड़ैंन पात सब…सबटा बीछैत रहै । त कहल्के, “हऊआ देखैछीयै उ मुशहरनी जे छै, पत्ता बीछैय, ओकरे सॅ आहाँ के बीयाह हैत ।” राजकुमार के कहल्के ।

    राजकुमार कहल्के, “जाउ, तखने हम बुझलों हँ आहाँ केहन बीध-बिधाता । हम राज-कुमार, आ हमरा ओ मुशहरनी पत्ता बीछै वाली सॅ बीयाह हैत ।”

    फेर जहन ओइठँ स राजकुमार निकलल, तऽ कहल्के, “कोन ठीक, भइये जाएत, से ने ए मुशहरनिये के हम माएर देबै ।” 

    उ जे गाछी में पात बीछै छलै मुशहरनी के लड़की, ओकरा तीर चला कॅ माएर देलकै । ओ तीर लग्ले माएर कॅ ओकरा नदी में दहा देल्कै । उ तीर एइ में लागल, दहैत-दहैत उ मुशहरनी दोसर देश चैल गेलै । 

    ओइठमाँ एकटा राजा रहै, तेकरा बाल-बच्चा ने रहै । सब कहल्के, “एकटा लड़की दहा कॅ एले, लड्की दहा कॅ एले, तीर लागल छै गला में ।”  

    उ राजा कहल्के जे, “छान कॅ नेने आ ।” लॅ गेले । 

    त राजा कहल्के, “हमरा बाल-बच्चा ने ऐच्छ, संतान, हम एकरा पोसब, राखब ।” 

    उ तीर निकाल कॅ अपन इलाज-फिलाज कॅ क उ नीक भेलै । नीक जहन राजा कॅ घर में रहले, तहन त उ राजकुमारी बेन गेलै । राजकुमारी, राजा अपन-अपन पोसाक-तोसाक, राजकुमारी, अपन बेटी बना कॅ रखल्के । 

    जहन ओकरा बीयाह के समय भेलै, तहन त उ राजै के खोजतै । राजकुमार के बेटी, राजा के बेटी, त रजकुमारै से बीयाह हेतै । त उ राजा निक्लल बेटी लॅ बर तकैलॅ । राजा ओइठमाँ जाए । जाएत-जाएत उही राजा ओइठमँ गेल । हँ, त उ त बुझल्के राजकुमार के, “राजकुमार एला, अपना बेटी से बीयाह करैलॅ ।” तो ओकरा से बीयाह ठीक भेलै । 

    जहन बीयाह-तीयाह भौ गेलै, तखन जखन बर-कनिया के भैंट भेलै, त ओकर…राजकुमार कहल्के, “इह, कहेछै जे बीध-बिधाता जे लिख देएछे, उ नै मीटैछै । मीटै नै छै ?” 

    उ…उ कहल्के, कनिया ओकर जे, “किया, की मीटैछै ?” 

    “एँह, हमरा बीध-बिधाता कहनै रहै जे तोरा मुशहरनी से बीयाह हेतो, अ हेय्या देखियो, राजकुमारी सॅ बीयाह भेल ।”

    त उ कहल्के, “त उ मुशहरनी के की भैल ?”

    “एँह, उ मुशहरनी के त हम तीर माएर कॅ, नदी में बहा देल्यै ।” 

    कहल्के, “बीध-बिधाता जे लीख दै छथिन, हुन्कर लिखल नै मीटल जाएछै । ओ ठीकै लीखै छथिन । हैय्य, देख्यो ।” निसान रहै । “वैह मुशहरनी हम छी । आहाँ के बीध-बिधाता कहलॅक जे मुशहरनी से बीयाह हैत, वैह मुशहरनी छी, इ राजकुमारी छानलक, बेटी बना कॅ रखलक, त आय हमरा राजकुमारी भौ गेलों । आहाँ बीयाह केलौं । तै दुआरे बीध-बिधाता जे ली दै छथिन, उ नै मिटैछै, चाहे कत्तौ आहाँ जाऊ, किछु करू ।”

    [चाय नै पीबै हम, नै पीबै, हम तुरत्तै पी कऽ, मनै हमरा तऽ, हमरा तऽ चाय मना कॅ देलक । त काएटा भेलो ? चाएटा भेलो । चाएटा भेलो ।]