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Dukhiya Sukhiya / दुखिया-सुखिया

    Documented by Coralynn V. Davis and Carlos Gomez
    Transcription by Nidhi Anand and Translation by Neeraj Kumar

    Teller: Jyoti Devi
    Location: Nazirpur
    Date: 12/24/16

    December 24, 2016: Session A5
    Maithili Folklore 16_12_24_A_5

    View the transcription in Maithili.

    Side-by-side Maithili and English

    दुखिया सुखिया दु बहिन रहैथ l आ दुखिया के से सात बेटा आ सुखिया के धन संपत खूब l धन संपत खूब, हुनका बेटा नइ आ धन संपत पूरा, आ दुनु बहिनये रहैत, दुखिया सुखिया दु बहिन l दु बहिन रहैत l हुनका सात बेटा दुखिया के, आ सुखिया के धन संपत खूब बेटा नइ l

    Dukhiya and Sukhiya were two sisters. Dukhiya had seven sons and Sukhiya had much a lot of wealth and many things. Lots of wealth; she had no son but huge wealth, and both were sisters only, Dukhiya and Sukhiya – two sisters. Dukhiya had seven sons, and Sukhiya had huge wealth and no son. 

    हुनकर सातो बेटा कमाएन ओ मौसी में, सुखिया में l सातो बेटा हुनके काज धंधा करैन, जे ओ देथिन से अपन मै लग जाय बेचारा सबटा लs कs l 

    Her (Dukhiya) all seven sons worked with their aunt, with Sukhiya. All her seven sons worked only for her (Sukhiya), and what she gave them the poor chaps would go to their mother with all of that. 

    कहलखिन जे बउआ हो, छठि पाबनि लकचिएले, बउआ छठि पाबनि छै से मौसी के कहियक धान आ गहुम देतs l जौ देथिन, मरुआ देथिन त ओ कनात क क सातो बच्चा ल जाय, दुखिया के l

    She said, “Hey, son, Chhath festival is nearing. Chhath festival is there, so request aunt to give rice and wheat.” She would give barley and ragi, then all the seven kids of Dukhiya would line up and take it (to their home).

    त कहे,  बउआ छठि पाबनि एलय है से कहियक मौसी के गहुम आ धान देतs जे खरना करब आ गहुम के सोहारी पका कs से नवेद झाम्पब l 

    Then she said, “Son, Chhath festival has arrived, so request aunt to give wheat and rice, as I would observe Kharna and will cover the offerings (to God/Goddess) with the roti made of wheat.”

    सुखिया नइ देलखिन l जौऐ देलखिन l ओइ जौ के कुटलक पीसलक बेचारी l ओकर सुदामा के फरबी बनौलक l

    Sukhiya didn’t give. Gave only barley. The poor soul grinded the barley only. Prepared a tart of that.

    सब चीज केलक दुखिया l ओकर से रखलक ओरिया चोरिया क, जते पाबनि के होइ यै से सब ओरिया क समान रखलक l कहलखिन बउआ हो नहा सोना लै आ बेल पर जा l पांच टा बेल अथी तोड़ि क लाऊ ग अहाँ नया कपड़ा में l

    Dukhiya did everything. Kept that safe and arranged, kept well all that stuff related to the festival. She said, “Hey, son, take a bath and get ready, and go for (bringing) Bel fruit. You pluck and bring five numbers of Bel fruit wrapped in a new cloth.”

    दुखिया के बेटा गेलन अपन बेल तोड़ क लेलकैन l ओ बेल के धो लेली l धो क नया तौला में क सबटा के गुदा फोड़ी क फेंक देलखिन खोइन्चा l आ तौला में धs क नया ढाकन से ओइ में अछिन्जल द क से खरना केलैथ l खरना केलैथ, बड़ बढ़िया l

    Duhkhiya’s son went plucking the Bel fruits and brought it. She washed the Bel fruits. After washing, she retained the pulp in a new pot after breaking open all the fruits and discarded the residue. And she did Kharna, after keeping it (the pulp) in the pot, and pouring the holy water into the pot with the help of a new pot cover. She did Kharna; fine by then. 

    खरना केलैथ ना से उ खूब उधियै l आंच जे दे बेचारी दुखिया से खुब उधियै l खुब फेन उधियै, पीरे पीरे खुब उधियै l

    As she did Kharna, it (the pulp and water) boiled to top of the pot with its broth. As poor Dukhiya did raise the flame, it boiled even more. The broth boiled a lot, yellowish and only yellowish boiled a lot.

    उ कि केलक दुखिया एकटा अथरा में क काछि, काछि, काछि ,काछि करछ लs लs, करछ लs लs धरे, धेलक l  जब ओकरा सबटा फेन निकलल तौला में स निकैल गेलय तब कहलकन ओ धs आयल झांपि क धs आयल घर कs l फेर ओइ गुदा के कि केलक त सेरा क खखोरि क नवेद देलक आ ओहि जौ के से लिट्टी पका पका क नवेद झम्पलक l

    Now what Dukhiya did, she carved out all the broth with a ladle and kept in a bowl. When all the broth got carved out from the pot, then she kept it covered, at home. Then what she did to the pulp, she let that cool and made offerings for worship by making pieces (of that pulp), and made littis (thickened and stuffed roti) of the barley to cover the offerings (of Bel fruit pulp). 

    हम सब जे झांपि छी से वै खिस्से दुआरे, रोटी पका क सोहारी पका क l बड़ बढ़िया, झाम्पलक l वैहै बाल बच्चा के देलक उ जौ के सोहारी लs लs देलखिन l धिया पुता खेलकन पांचो, अपनो ओइ लs कs खरना केलैथ l कs कs, विहान भेने त आब हिनका कोनो आइ उपस्था नइ रहैन जे पाबनि करब l

    The way we cover is actually based on that story, making roti. So that’s fine, she covered the offering.She gave the same to her kids, gave the ragi flour-made rotis. All seven kids ate, she herself did Kharna with that. After doing that, the next morning, she didn’t have the means so that she could do the next day’s chores.

    उ ताकs गेलखिन उ झम्पलाहा अथरा, नया अथरा जे झाम्पलखिन l झांपि कs से उघारा गेलखिन, सुनियउ l उघारा जे गेलखिन त एहने एहने सोन के छड़ l सोन के पियर पियर छड़ l दुखिया एकटा बेटा के से नया कपड़ा में लपटा कs देलखिन आ कहलखिन बउआ चलि जा तू सोनार लग जइह l

    She then went to look for the covered bowl, the new bowl that she had covered. She went to uncover that after it had been covered; now listen. As she went to uncover, mind blowing gold bars! Yellow gold bars! Dukhiya gave it wrapped in a new cloth to one of the sons, and said, “Hey, son, you go to the goldsmith.”

    सोनार से कहियक जे हमरा पाबनि के आइ कोनो उपस्था नइ अइ से हमरा अहाँ पाइ दिया हम किनब l सोनार त पाल पाल क, बाप रे बाप छठि के समान कते हेतय, दू हजार ने तीन हजार के सबटा l आ इ त हमरा सोना के एते मोटक छड़ ल क गेलैथ है l चलs बउआ चलु, किछ नइ भेल अय l त नइ किछ नइ भेल l

    “Tell the goldsmith that I have no arrangements for the festival today, so you give me money, I will buy.” The goldsmith was astonished, said, “Oh My God! How much after all the stuff for Chhath will come for; if not two then three thousand for all. And this guy has come with such thick gold bars. Hey son, let’s go, go; not enough? No, no, nothing to worry.”

    सबटा किना क, जे ककरो पर नइ अरग पर में, मड़ मिठाई सब से सबटा, मै लै साड़ी साया ब्लाउज किन क सबटा देलकन, सिया क, सब चीज देलकन l साँझ में एलय अपन बेटा, मने पाबनि के बिलकुल समान, अक्षत अंकुरी जे कहय छै सेहो सबटा देलखिन, लs कs आयल बेचारा l

    (The goldsmith) got (him) everything bought, even the stuff not on any other person’s Argh (the holy platter), all sweets, everything, bought saree-petticoat-blouse, gave all stitched, all the stuff. Now the son arrived home in the evening, with every item for the festival, and gave all the sprouts and rice used in worship. The poor soul came with all that.

    गेल घाट पर सब गेल l दुखियो के गेलय ढाकी उठि क l पांचो बेटा गेलय l हे सरकार सब के करब, सब गेल l

    All went to the river side. Dukhiya’s packets also reached. All seven sons went. O’ God, please do for everybody. 

    लोक कि कहय जे,  गे दाइ दुखिया त सब दिन कनय छलय है, कनय छलय है आ जे आइ ककरो अरग पर नइ छै से दुखिया के अरग पर छै l

    People were speaking (among them): “Hey sister, Dukhiya only cried all the time, only cried, and today, what is not available on anybody’s Argh is there on Dukhiya’s Argh. 

    भगवाने देलखिन, सरकारे देलखिन, राणे माइ देलखिन नै l त एलय त तखने कहय छै, जे दुखिया सन सब हुऐ आ सुखिया सन कियो नइ हुऐ l दुखिया सन सब हुऐ आ सुखिया सन कियो नइ हुऐ l  हे छठि पर्मेश्वरी, गोर लगै छी l दुखिया सन सब आ सुखिया सन कियो नइ l

    The God only gave, the Owner only gave, Rana Mai only gave. Then came. That’s why it’s said that all should be like Dukhiya, and nobody should be like Sukhiya. All should be like Dukhiya, and nobody should be like Sukhiya. O, Supreme Goddess Chhathi, I bow my head before you. All (be) like Dukhiya, and nobody (be) like Sukhiya.

    Maithili Transcript

    दुखिया सुखिया दु बहिन रहैथ l आ दुखिया के से सात बेटा आ सुखिया के धन संपत खूब l धन संपत खूब, हुनका बेटा नइ आ धन संपत पूरा, आ दुनु बहिनये रहैत, दुखिया सुखिया दु बहिन l दु बहिन रहैत l हुनका सात बेटा दुखिया के, आ सुखिया के धन संपत खूब बेटा नइ l

    हुनकर सातो बेटा कमाएन ओ मौसी में, सुखिया में l सातो बेटा हुनके काज धंधा करैन, जे ओ देथिन से अपन मै लग जाय बेचारा सबटा लs कs l

    कहलखिन जे बउआ हो, छठि पाबनि लकचिएले, बउआ छठि पाबनि छै से मौसी के कहियक धान आ गहुम देतs l जौ देथिन, मरुआ देथिन त ओ कनात क क सातो बच्चा ल जाय, दुखिया के l

    त कहे,  बउआ छठि पाबनि एलय है से कहियक मौसी के गहुम आ धान देतs जे खरना करब आ गहुम के सोहारी पका कs से नवेद झाम्पब l

    सुखिया नइ देलखिन l जौऐ देलखिन l ओइ जौ के कुटलक पीसलक बेचारी l ओकर सुदामा के फरबी बनौलक l

    सब चीज केलक दुखिया l ओकर से रखलक ओरिया चोरिया क, जते पाबनि के होइ यै से सब ओरिया क समान रखलक l कहलखिन बउआ हो नहा सोना लै आ बेल पर जा l पांच टा बेल अथी तोड़ि क लाऊ ग अहाँ नया कपड़ा में l

    दुखिया के बेटा गेलन अपन बेल तोड़ क लेलकैन l ओ बेल के धो लेली l धो क नया तौला में क सबटा के गुदा फोड़ी क फेंक देलखिन खोइन्चा l आ तौला में धs क नया ढाकन से ओइ में अछिन्जल द क से खरना केलैथ l खरना केलैथ, बड़ बढ़िया l

    खरना केलैथ ना से उ खूब उधियै l आंच जे दे बेचारी दुखिया से खुब उधियै l खुब फेन उधियै, पीरे पीरे खुब उधियै l

    उ कि केलक दुखिया एकटा अथरा में क काछि, काछि, काछि ,काछि करछ लs लs, करछ लs लs धरे, धेलक l  जब ओकरा सबटा फेन निकलल तौला में स निकैल गेलय तब कहलकन ओ धs आयल झांपि क धs आयल घर कs l फेर ओइ गुदा के कि केलक त सेरा क खखोरि क नवेद देलक आ ओहि जौ के से लिट्टी पका पका क नवेद झम्पलक

    हम सब जे झांपि छी से वै खिस्से दुआरे, रोटी पका क सोहारी पका क l बड़ बढ़िया, झाम्पलक l वैहै बाल बच्चा के देलक उ जौ के सोहारी लs लs देलखिन l धिया पुता खेलकन पांचो, अपनो ओइ लs कs खरना केलैथ l कs कs, विहान भेने त आब हिनका कोनो आइ उपस्था नइ रहैन जे पाबनि करब l

    उ ताकs गेलखिन उ झम्पलाहा अथरा, नया अथरा जे झाम्पलखिन l झांपि कs से उघारा गेलखिन, सुनियउ l उघारा जे गेलखिन त एहने एहने सोन के छड़ l सोन के पियर पियर छड़ l दुखिया एकटा बेटा के से नया कपड़ा में लपटा कs देलखिन आ कहलखिन बउआ चलि जा तू सोनार लग जइह l

    सोनार से कहियक जे हमरा पाबनि के आइ कोनो उपस्था नइ अइ से हमरा अहाँ पाइ दिया हम किनब l सोनार त पाल पाल क, बाप रे बाप छठि के समान कते हेतय, दू हजार ने तीन हजार के सबटा l आ इ त हमरा सोना के एते मोटक छड़ ल क गेलैथ है l चलs बउआ चलु, किछ नइ भेल अय l त नइ किछ नइ भेल l

    सबटा किना क, जे ककरो पर नइ अरग पर में, मड़ मिठाई सब से सबटा, मै लै साड़ी साया ब्लाउज किन क सबटा देलकन, सिया क, सब चीज देलकन l साँझ में एलय अपन बेटा, मने पाबनि के बिलकुल समान, अक्षत अंकुरी जे कहय छै सेहो सबटा देलखिन, लs कs आयल बेचारा l

    गेल घाट पर सब गेल l दुखियो के गेलय ढाकी उठि क l पांचो बेटा गेलय l हे सरकार सब के करब, सब गेल l

    लोक कि कहय जे,  गे दाइ दुखिया त सब दिन कनय छलय है, कनय छलय है आ जे आइ ककरो अरग पर नइ छै से दुखिया के अरग पर छै l

    भगवाने देलखिन, सरकारे देलखिन, राणे माइ देलखिन नै l त एलय त तखने कहय छै, जे दुखिया सन सब हुऐ आ सुखिया सन कियो नइ हुऐ l दुखिया सन सब हुऐ आ सुखिया सन कियो नइ हुऐ l  हे छठि पर्मेश्वरी, गोर लगै छी l दुखिया सन सब आ सुखिया सन कियो नइ l