Documented by Coralynn V. Davis and Carlos Gomez
Transcription by Nidhi Anand and Translation by Neeraj Kumar
Teller: Ragni Kumari
Location: Jitwarpur
Date: 9/13/16
September 13, 2016: Session A6
Maithili Folklore 16_09_13_a_6
Side-by-side Maithili and English
एगो बुढ़िया छलै। रूइया सुखबइ छल। जोर से बाजह। त शिवगुरु लड़का के रूप में आयल, कहि दाइ गे दाइ कथी करइ छलैं।
There once was an old woman. She was drying her cotton wool. Then suddenly Shivguru appears there and asks the woman “Grandmother, what are you doing?”
बौआ रे बौआ रूइया उधिया है। त कहे है कि एक ढकिया माइट उठा लिहैं, आ कहियों नइ तकिहैं, आ चइल जा सीधे घर।
Son, hey, son, the cotton wool is all flying up in the air. Shivguru then says, “Lift a bowl of soil from here and don’t turn back, directly go home.”
एक ढकिया माइट उठा लेलक आ चइल गेल घर आ कोठी पलंग पर राइख देलक। आ पूजा करइ छल। तकर महल बइन गेल।
The woman just does the same, she scoops up a bowl full of soil and arrives home. There she puts it on her bedside trunk. And she worships that and a palace appears before her.
त एगो बुढ़िया और देखसा केलक त ओकर घर से उठा के सबटा ओहो गेल देखसा करे त कहलकय कि ओहो रूइया सुखबअ लगलए झूठो फूस के।
Seeing all this, another woman imitates the act and pretends to be drying her cotton wool.
त ओकरो रूइया उधिया गेल। त शिवगुरु बाबा रूप में आयल कहलकय कथी गे दाइ गे कथी उधियाए है त कहलकय कि रूइया उधिया गेल।
Like the old woman, her cotton wool also starts flying up in the air. Then, as with the old woman, Shivguru appears there in the form of a saint. He asks her, “Grandmother, what is all that flying up in the air? The woman says it’s my cotton wool.
त कहलकय कि कहियों नइ तकिहैं आ एक ढकिया माइट लिहैं आ चइल जा घर। त गेल त ओकर पुरा घर सब सब टूट टाइट गेल।
Shivguru tells her to follow exactly what he had told the old woman. The woman scoops up a bowl of soil and heads home without turning back. Once she reaches home she finds that her entire house has broken into pieces.
फेर खत्म, खत्म।
So, finished. Finished.
लोभ में फंइस गेलए। मने पहिला आदमी छलै न उ भक्त छलै आ पीछा वाला जे छलै न से उ लोभी लालची छलै। उ लोभ स देखौंस करअ लगलए। त उ जते संपत छले ओकर सब बिरहा
गेलए।
She became trapped in greed. I mean, the first person was an actual devotee, but the second who appeared later on the scene was not. She turned greedy and started imitating the previously appearing person. So all her property disappeared.
आ जे गरीब रहे न जे भगवान के सेवा करए छलै उ धनिक भ गेलए। त उ चाहलकय जे इ माइट ल क गेल त धनिक भेल त हमु एनाहिते करब त हमु धनिक भ जैब।
And the person who was poor and was devoted to God became rich. So the other old woman thought that since the prior woman had taken home the soil from there, she would also get rich if she imitated that act.
Maithili Transcript
एगो बुढ़िया छलै। रूइया सुखबइ छल। जोर से बाजह। त शिवगुरु लड़का के रूप में आयल, कहि दाइ गे दाइ कथी करइ छलैं।
बौआ रे बौआ रूइया उधिया है। त कहे है कि एक ढकिया माइट उठा लिहैं, आ कहियों नइ तकिहैं, आ चइल जा सीधे घर।
एक ढकिया माइट उठा लेलक आ चइल गेल घर आ कोठी पलंग पर राइख देलक। आ पूजा करइ छल। तकर महल बइन गेल।
त एगो बुढ़िया और देखसा केलक त ओकर घर से उठा के सबटा ओहो गेल देखसा करे त कहलकय कि ओहो रूइया सुखबअ लगलए झूठो फूस के।
त ओकरो रूइया उधिया गेल। त शिवगुरु बाबा रूप में आयल कहलकय कथी गे दाइ गे कथी उधियाए है त कहलकय कि रूइया उधिया गेल।
त कहलकय कि कहियों नइ तकिहैं आ एक ढकिया माइट लिहैं आ चइल जा घर। त गेल त ओकर पुरा घर सब सब टूट टाइट गेल।
फेर खत्म, खत्म।
लोभ में फंइस गेलए। मने पहिला आदमी छलै न उ भक्त छलै आ पीछा वाला जे छलै न से उ लोभी लालची छलै। उ लोभ स देखौंस करअ लगलए। त उ जते संपत छले ओकर सब बिरहा
गेलए
आ जे गरीब रहे न जे भगवान के सेवा करए छलै उ धनिक भ गेलए। त उ चाहलकय जे इ माइट ल क गेल त धनिक भेल त हमु एनाहिते करब त हमु धनिक भ जैब।