Documented by Coralynn V. Davis and Carlos Gomez
Transcription by M.S. Suman
Teller: Sushma Mishra
Location: Ranti, Jeevika Art Collective
Date: 9/12/16
September 12, 2016: Session B3
Maithili Folklore Story 16_09_12_b_3
एकटा दुखिया छलैथ आ एकटा सुखिया छलैथ.
सुखिया भ्याए के नाम छलैन्ह आ दुखिया बहिन के नाम छलैन्ह.
तैं बहिन के.. नाम के असर लोक के आगू पर बड्ड परै छै. जे नाम रहै छै ओ असर परै छै त
बहिन के नाम दुखिया रहैन्ह त ओ जिंगदी भैर दुखी रहली.. बुझलियै.. बर मैर गेलैन एकटा बच्चा छलैन्ह.
भ्याए के नाम सुखिया रहैन्ह त बड्ड पाई रुपैया खूब सुखी रहला
भ्याए मदद कर चाहै छलखिनऐ बहिन के लेकिन आई काइल्ह बहु रहै छै से अपना स जब्बर
जेठ रहै छै ओ हुनका नै करऽ दै छल्खिंहहा तखन ओ कहलखिन जे हम अहाँ के म्ये सऽ भेंट करै ल्ये जाइ छी
बुझलै जे हमर माँ सऽ भेंट करइ ल्ये जेत्ता त ओ की केलक जे अपन लड्डू ई सब, पिरिकिया तरिकिया.. पहिनका लोक सब लड्डू में पाई दइ छलैथहां
त ओ पाई ताई दऽ कऽ अपन बर के बिदा केलखिन बुझलियै.. बर की केलखिन जे गेल्लैथ अपन बहीन के सबटा ओ अथी दऽ देलखिन
ओ जे दऽ देलखिन आइब गेल्लैथ.. हिनका पता चैल गेलैन जे हमर अथी ई बर एना एना काज केल्लैथहां
दोसर बेर ओ फेर संदेस देलखिन म्ये ल्ये कहलखिन अहाँ हमर माँ के फेर दऽ अबियौन की केल्लैन ओ मधुमक्खी के छत्ता एकटा डिब्बा में बंद कऽ कऽ दऽ देलखिन
ई बर.. भ्याए सुतैत रहथिन देख लेलखिन ओ गेल्लैथ आ ओ अपन साउस के दऽ देलखिन
साउस गेलखिन रुपइया पाई डिब्बा में पठेलक खोल्लैन आ पूरा मधुमक्खी काइट लेलकैन
त खूब चिचियेली लेकिन हुनका कोई ओत्ते नै बचेला हुनका पूरा घा घूस भऽ गेल्लैन
तखन ओ हिनका भाउज के मोन नै चैन भेल्लैन. की क..एकटा गढ्ढा कोइर देलखिन आ कहलखिन हम बड्ड दुखी छी हमरा ननैद के आइन दियौ.
हम हुनका सऽ माफी मंग्बैन हमर ननैद के बजा दिय. बर गेल्लैथ फेर अपन साउस के नेने एल्खिन चलौथ हिनकर बेटी बड्ड मोन ख़राब छैन्ह.
गढ्ढा कोइर का ने बेटी ओ में .. म्ये खइस परल्खिन. ओ चिचीयाए लगलखिन
“ऐन् गे तों हमरा बजा कऽ ई काज की केल्लैं! ई की केल्लैं?” तहन आब गढ्ढा में से निकलैथ केना?
तहन बर कहलखिन हम निकाइल देब लेकिन अहाँ के एकर प्रायश्चित करऽ परत. कहलखिन हाँ हमर माँ के निकाइल दिय हम प्रायश्चित करब.
ओई में स हुनका निकाइल देलखिन तखन ओ ननैद के बजा कैं छमा मंग्लैन
तैं ओ सोच्लैन जकर किस्मत में जे लीखल रहै छै ओ त भेटबे करतै हमरा दुःख दइ सऽ किछ नै हैत
तखन ओ ओई दिन स अपन गरीबो ननैद के ननैद मानऽ लगलैन